भारत के संविधान पर वार
26 जनवरी 1950 भारत गणतंत्र हुआ... एक लंबे संघर्ष तथा हमारे पूर्वजों के अथक और दृढ़ प्रयासों से भारत ने अपने संविधान का निर्माण कर उसे स्थापित किया और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप मैं भारत विश्व पटल पर उभरा और इन 71 वर्षों मैं भारत एक मजबूत लोकतंत्र के रूप मैं पुरे विश्व मैं स्थापित हुआ... हमारे पूर्वजों के प्रयासो से हमने हज़ारो वर्षों के लंबे संघर्ष के पश्चात स्वतंत्रता को प्राप्त किया इसी का परिणाम हैं की हम आज एक आजाद भारत मैं रेह कर अपने विचारों को स्वतंत्रता पूर्वक रख और व्यक्त कर सकते हैं.... किन्तु आजादी के 72 वे गणतंत्र पर जो देश मैं हुआ उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती... ये किसान आंदोलन के रूप मैं देश के लोकतंत्र को चुनौती हैं तभी इन्होंने गणतंत्र दिवस का दिन चुना, लाल किले पर एक विशेष सम्प्रदाय व संघठन का पताका लेहराना संविधान को ख़तम करने के प्रयास हैं... ये लोग ना सांसद ना न्यायालय और ना मीडिया को महत्व दे रहे हैं और कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका व प्रेस ही संविधान के चार सतम्भ हैं जिनको ये लोग नकार चुके हैं... तो कौन हैं ये लोग जो किसानों के रूप मैं देश से लोकतंत