आध्यात्मिक जीवन
आध्यात्म एक अलग ही शैली है संसार को समझ कर संसार से विलग होने का मार्ग , जीवन जीने की एक ऐसी शैली जो स्वयं में परिपूर्ण हैं, जो स्वयं के अस्त्वि को निखारते हुए हमें हमारे वास्तविक अस्तित्व का बोध कराने में सहायक हैं... आखिर कार आध्यात्म क्या हैं...?? कैसे आध्यात्म की ओर बढ़े..? आध्यात्म में आने वाली बाधाएं क्या हैं..? आध्यात्मिक जीवन में संघर्ष क्यों..? आध्यात्म क्या हैं... आज मनुष्य अत्यंत व्याकुल हैं, उसकी व्याकुलता का क्या कारण हैं उसे ज्ञात भी नहीं, बस इस मायावी संसार की माया में उलझा हुआ हैं और अपने कर्मों से और उलझता जा रहा हैं। इस कर्म प्रधान संसार में क्या उसका व्यवहार हो..? किस प्रकार वह इस संसार को समझें..? क्या उसके कर्म व संस्कारों की गति हो..? संसार क्या हैं..? माया क्या है..? कर्म क्या हैं? वास्तविकता क्या हैं जो इस हाण मांस के शरीर से बनी दो नेत्र इन्द्रियों से दिखलाई पड़ता हैं या फिर इन सबसे भी परे बहुत कुछ हैं जो हमारी क्षमता से बहुत दूर हैं। कौन हैं जो उससे कर्म करता हैं..? कर्म का कारण क्या हैं..? विचार क्या हैं..? कौन विचार करता हैं? विचार कहाँ से आते हैं