ऊर्जा स्थलों का पुनरुद्धार
इस लेख में आध्यात्म और राजनीति दोनों क्षेत्रों को समन्वय बना कर लिखा गया हैं। सनातन धर्म में ऊर्जा स्थलों का अत्याधिक महत्व हैं। सर्वप्रथम प्रश्न बनता हैं की यह ऊर्जा स्थल है क्या..? ऊर्जा स्थल अर्थात ऐसे स्थल जहाँ प्रत्यक्ष रूप से सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण कर जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता या सार्थकता को पाया जा सकता हैं। भारत एक ऐसा देश हैं जहाँ इन स्थलों को शक्ति पीठ, ज्योतिर्लिंग, चार धाम और विभिन्न मंदिरों और तीर्थ के रूप में जाना जाता हैं। यहीं कारण रहा की हमारे प्राचीन ऋषि मनीषीयों ने इन स्थलों को धर्म से जोड़ तीर्थ स्थल का दर्ज़ा दिया। ताकि व्यक्ति इसी बहाने यहाँ पहुंचे और इन स्थलों से ऊर्जा पाकर जीवन को सही दिशा देकर परमार्थ की ओर बड़े। किन्तु हमने देखा पिछले कुछ सदियों से यह स्थल अपने स्थान पर तो रहें किन्तु इनकी अवस्था में निरंतर गिरावट चिंता का विषय रहा सभी के लिए। आजादी के उपरांत भी इन स्थलों पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया और यदि यही स्थिति बनी रहती तो आने वाले कुछ वर्षों में यह स्थल लुप्त होने की कगार पर भी पहुंच सकते थे। किन्तु कहा गया हैं ईश्वर के पास द